देश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा dhruv yojana यानी की Pradhan Mantri Innovative Learning Programme – DHRUV शुरू की गई तो ऐसे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
क्योंकि ऐसी बहुत सी योजनाएं है जो सरकार के अलग अलग विभागों के द्वारा शुरू की जाती है लेकिन जानकारी के आभाव में कुछ योजनाएं आम लोगो तक नही पहुंच पाती है। जिसके करने अनेक लोग लाभ से वंचित रह जाते है। तो आइए जानते है की आप ध्रुव योजना का लाभ कैसे ले सकते है।

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DHRUV Yojana
योजना की शुरुआत Ministry of Human Resource Development के द्वारा की गई। इस प्रोग्राम के तहत गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का यह मकसद ही की टैलेंटेड और स्किल वाले बच्चों की तलाश की जाए और इन बच्चों को देश के अंदर मौजूद अलग-अलग सेंटर्स पर ट्रेनिंग के साथ-साथ मेंटरशिप भी दी जाए ताकि इनका टैलेंट वह भी निखर कर सामने आ सके।
ताकि प्रधानमंत्री इनोवेशन लर्निंग प्रोग्राम से चयनित प्रतिभाशाली बच्चे अपने फुल पोटेंशियल का इस्तेमाल कर पाए।
इस प्रोग्राम की बहुत सारी success stories है जिसमें कई प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा और उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल की है। इस योजना का young और talented स्टूडेंट्स का करियर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसने प्रतिभागियों को उनके संबंधित क्षेत्रों में समझ और ज्ञान हासिल करने में मदद की है।
salient features of dhruv
DHRUV एक प्रोग्राम है जो एक ध्रुव तारे के नाम पर रखा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि विद्यार्थी को उनकी पूरी क्षमता को पहचानने और समाज के लिए योगदान देने में सहायत करना। इस प्रोग्राम का ध्यान दो क्षेत्रों पर है: Science and Arts. (विज्ञान और कला)। यह कार्यक्रम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से शुरू किया जाएगा। पुरे देश में क्लास 9 से 12 तक के लगभग 60 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।
first batch of dhruv programme
ध्रुव प्रोग्राम का 1st बैच अक्टूबर 2019 में शुरू किया गया था।
इसमें 60 बहुत टैलेंटेड students का चयन किया गया था। पहले दो क्षेत्रों, यानि Science and Arts पर ध्यान दिया गया था। इस बैच में 60 विद्यार्थी थे, उसमें से 30 विज्ञान और 30 कला से थे। ये 60 विद्यार्थी देश भर से चुने गए थे, जो सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूल से थे।
विद्यार्थियों के लिए 14 दिनों का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमे विज्ञान और कला के विद्यार्थी अलग-अलग ग्रुप में। विज्ञान के छात्रों को 3 ग्रुप्स में बाँटा गया था, हर group में 10 विद्यार्थी थे, और विज्ञान के क्षेत्र के विशेषज्ञ द्वारा उनके मार्गदर्शन में एक प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया था।
इसी तरह कला के विद्यार्थियों को भी 3 समूहों में बंट दिया गया था, और कला के क्षेत्र के महापुरुषों द्वारा उनके mentorship में एक अभिनय का कार्यक्रम तैयार करने को कहा गया था। इन चार टीम को विश्वव्यापी मुद्दे जैसे वातवरन परिवर्तन, प्रदूषण, आतंकवाद आदि से संबंध विषय दिए गए थे।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको DHRUV Yojana यानी कि Pradhan Mantri Innovative Learning Programme – DHRUV के बारे में विस्तार से बताने का पूरा प्रयास किया ताकि आप इस योजना के बारे में विस्तार से जान सके और इस योजना का लाभ अपने बच्चों को दे सकें।
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