सीपी राधाकृष्णन का जीवन परिचय (CP Radhakrishnan Biography in Hindi)

सीपी राधाकृष्णन, जिनका पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन है, भारतीय राजनीति में एक जाना-माना नाम हैं। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उन्हें 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

उनकी जिंदगी एक साधारण परिवार से शुरू होकर देश के उच्च पदों तक पहुंचने की कहानी है, जो कठिन परिश्रम, समर्पण और देशसेवा की भावना को दर्शाती है। इस आर्टिकल में हम उनके जीवन, शिक्षा, राजनीतिक करियर, व्यक्तिगत जीवन और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

CP Radhakrishnan Biography in Hindi

CP Radhakrishnan Biography in Hindi

सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम सी. के. पोनुस्वामी और माता का नाम के. जानकी था। वह कोन्गु वेल्लालर गाउंडर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता का देहांत हो चुका है, लेकिन उनकी माता ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बचपन से ही राधाकृष्णन पढ़ाई और खेलकूद में रुचि रखते थे। उन्होंने तूतीकोरिन के वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके अलावा, उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में रिसर्च किया और “सामंतवाद का पतन” विषय पर पीएचडी पूरी की, जिसके लिए उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।

खेलों में भी राधाकृष्णन का प्रदर्शन शानदार रहा। वह कॉलेज स्तर पर टेबल टेनिस के चैंपियन थे और क्रिकेट, वॉलीबॉल और लंबी दूरी की दौड़ में भी उनकी रुचि थी। उनकी यह बहुमुखी प्रतिभा उनके व्यक्तित्व को और भी आकर्षक बनाती है।

सीपी राधाकृष्णन जीवन परिचय

पूरा नामचंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan)
जन्म20 अक्टूबर 1957, तिरुपुर, तमिलनाडु
आयु (2025 में)67 वर्ष
पिता का नामसी. के. पोनुस्वामी
माता का नामके. जानकी
समुदायकोन्गु वेल्लालर गाउंडर
शिक्षाबीबीए (वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज), पीएचडी (पॉलिटिकल साइंस – “सामंतवाद का पतन”)
राजनीतिक दलभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
राजनीति में शुरुआत17 साल की उम्र में आरएसएस और जनसंघ से जुड़ाव
पहली जीत1998, कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव
लोकसभा कार्यकाल1998–2004 (दो बार सांसद)
महत्वपूर्ण पद– तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष (2003–2006)
– कोयर बोर्ड ऑफ इंडिया अध्यक्ष (2016–2020)
– झारखंड के राज्यपाल (2023–2024)
– महाराष्ट्र के राज्यपाल (2024–वर्तमान)
उपराष्ट्रपति उम्मीदवारी2025, एनडीए उम्मीदवार
विवाहआर. सुमति (1985)
बच्चेएक बेटा और एक बेटी
शौक/रुचिटेबल टेनिस (कॉलेज चैंपियन), क्रिकेट, वॉलीबॉल, लंबी दूरी की दौड़
लोकप्रिय नामसीपीआर (CPR)

राजनीतिक करियर की शुरुआत

सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बहुत कम उम्र में शुरू हुआ। 17 साल की उम्र में ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनसंघ से जुड़ गए। 1974 में वह जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य चुने गए। उनकी मेहनत और संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें जल्द ही पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

1998 में राधाकृष्णन ने कोयंबटूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और डीएमके के उम्मीदवार एम. रामनाथन को हराकर संसद पहुंचे। यह जीत बीजेपी के लिए तमिलनाडु में ऐतिहासिक थी, क्योंकि यह पहली बार था जब बीजेपी ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ गठबंधन करके तमिलनाडु में तीन सीटें जीती थीं। 1999 के आम चुनाव में भी उन्होंने कोयंबटूर से जीत हासिल की।

हालांकि, 2004 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2014 और 2019 के चुनावों में भी वह कोयंबटूर से बीजेपी के उम्मीदवार थे, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके।

बीजेपी में में उनका क्या भूमिका निभाई

राधाकृष्णन ने बीजेपी के लिए तमिलनाडु में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। 2003 से 2006 तक वह तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 93 दिनों की रथ यात्रा निकाली, जिसमें उन्होंने भारतीय नदियों को जोड़ने, छुआछूत मिटाने और आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने जैसे मुद्दों पर जोर दिया। इस यात्रा में उन्होंने तमिलनाडु के सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया।

वह 1998 से 2004 तक संसद की सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम समिति और वित्त के लिए संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य रहे। 2003 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 58वें सत्र में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर मानवीय और आपदा राहत सहायता को मजबूत करने पर अपनी बात रखी।

2016 से 2020 तक राधाकृष्णन भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने कोयर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए।

राज्यपाल के रूप में कार्यकाल

सीपी राधाकृष्णन का राज्यपाल के रूप में कार्यकाल उनकी नेतृत्व क्षमता का एक और उदाहरण है। 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इसके बाद, 2024 में उन्हें तेलंगाना और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। जुलाई 2024 में वह महाराष्ट्र के राज्यपाल बने। उनके कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न राज्यों में विकास और प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान दिया।

उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में नामांकन

17 अगस्त 2025 को, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने सीपी राधाकृष्णन को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए का उम्मीदवार घोषित किया। यह घोषणा पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हुई। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा, और उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त और उम्मीदवारी वापस लेने की तारीख 25 अगस्त है।

राधाकृष्णन का चयन बीजेपी की तमिलनाडु में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। उनकी संघ पृष्ठभूमि, लंबा राजनीतिक अनुभव और सामाजिक कार्यों में योगदान ने उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।

व्यक्तिगत जीवन

सीपी राधाकृष्णन का विवाह 25 नवंबर 1985 को आर. सुमति के साथ हुआ। दंपति के दो बच्चे हैं – एक बेटा और एक बेटी। वह लायंस क्लब इंटरनेशनल के सदस्य हैं और खेलों में उनकी गहरी रुचि है। वह न केवल टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन रहे, बल्कि क्रिकेट और वॉलीबॉल जैसे खेलों में भी सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा, वह लंबी दूरी की दौड़ में भी हिस्सा लेते हैं।

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उपलब्धियां और योगदान

सीपी राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनकी रथ यात्रा और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता अभियान ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। कोयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल में कोयर उद्योग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, उनकी शैक्षिक उपलब्धियां, जैसे पीएचडी और खेलों में उत्कृष्टता, उन्हें एक बहुमुखी व्यक्तित्व बनाती हैं।

उनके नेतृत्व में बीजेपी ने तमिलनाडु में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की कोशिश की। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक कार्यकर्ता से लेकर राज्यपाल और अब उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक का सफर तय करवाया।

जनता के बीच लोकप्रियता

सीपी राधाकृष्णन को जनता में “सीपीआर” के नाम से भी जाना जाता है। उनकी मां के अनुसार, उनका नाम राधाकृष्णन इसलिए रखा गया क्योंकि वह भगवान कृष्ण के भक्त थे। उनकी सादगी और जनता से जुड़ाव ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाया है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में चुनौतियां

हालांकि राधाकृष्णन का चयन एनडीए के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन विपक्ष ने उनके नाम की आलोचना भी की है। कुछ लोगों का मानना है कि कोयंबटूर में उनकी पिछली हार और तमिलनाडु में बीजेपी की सीमित लोकप्रियता उनके लिए चुनौती हो सकती है। फिर भी, एनडीए का मजबूत समर्थन और उनकी अनुभवी छवि उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।

निष्कर्ष

सीपी राधाकृष्णन की जिंदगी एक प्रेरणादायक कहानी है। एक साधारण परिवार से शुरू होकर, उन्होंने अपनी मेहनत, शिक्षा और समर्पण के दम पर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उनकी संघ पृष्ठभूमि, खेलों में रुचि और सामाजिक कार्यों में योगदान उन्हें एक अनूठा नेता बनाता है।

2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी न केवल उनके लिए, बल्कि बीजेपी और तमिलनाडु के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव को देखते हुए, वह इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार हैं।

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