जिंगल बेल्स किस फेस्टिवल के लिए लिखा गया था?

‘जिंगल बेल्स’ एक बहुत ही प्रसिद्ध और प्यारा गाना है, जिसे खासतौर पर क्रिसमस के मौके पर गाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब यह गाना लिखा गया था, तब इसे क्रिसमस के लिए नहीं बनाया गया था?

जिंगल बेल्स की शुरुआत

‘जिंगल बेल्स’ गाने को जेम्स लॉर्ड पियरपॉइंट (James Lord Pierpont) ने लिखा था। इसे सबसे पहले 1857 में “One Horse Open Sleigh” नाम से प्रकाशित किया गया था। इसका मतलब है कि शुरुआत में गाने का नाम ‘जिंगल बेल्स’ नहीं था।

किस फेस्टिवल के लिए लिखा गया था?

यह गाना असल में थैंक्सगिविंग (Thanksgiving) के त्योहार के लिए लिखा गया था। अमेरिका में थैंक्सगिविंग नवंबर महीने में मनाया जाता है और यह एक पारिवारिक और खुशी का अवसर होता है। जेम्स पियरपॉइंट ने यह गाना बर्फीली सड़कों पर घुड़सवारी की मस्ती और रोमांच को ध्यान में रखकर लिखा था, न कि सीधे क्रिसमस के लिए।

फिर क्रिसमस से कैसे जुड़ गया?

‘जिंगल बेल्स’ की धुन इतनी प्यारी और उत्साह से भरी थी कि लोग इसे क्रिसमस के समय भी गाने लगे। धीरे-धीरे यह गाना क्रिसमस का एक अहम हिस्सा बन गया। अब ‘जिंगल बेल्स’ को सुनते ही दिमाग में क्रिसमस के त्योहार, सजावट, गिफ्ट और खुशी की छवि आ जाती है।

जिंगल बेल्स गाने का मतलब

गाने में जिक्र है कि कैसे एक घोड़ा बर्फीले रास्ते पर बग्गी (स्लेज) खींचते हुए दौड़ता है और चारों तरफ छोटी-छोटी घंटियों की आवाज (जिंगल) गूंजती है। यह एक मजेदार यात्रा का वर्णन करता है, जिसमें बर्फ में फिसलने और मस्ती करने का अनुभव है।

निष्कर्ष

तो संक्षेप में कहा जाए तो ‘जिंगल बेल्स’ मूल रूप से थैंक्सगिविंग के लिए लिखा गया था, लेकिन इसकी खुशी और मस्ती से भरी धुन ने इसे क्रिसमस का सबसे लोकप्रिय गाना बना दिया। आज दुनियाभर में बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी इसे क्रिसमस के जश्न में बड़े प्यार से गाते हैं।

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