कर्म का फल कहानी (Karm Ka Fal Moral Story)

कर्म का फल: बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब आदमी रहता था। उसका नाम रामु ही था। वह बहुत ही ईमानदार और मेहनती आदमी था।

एक दिन, रामु अपने खेत में काम कर रहा था। अचानक उसके हल में कुछ बड़ा सा पत्थर चुभा। वह पत्थर उठाने की कोशिश करता है, लेकिन वह बहुत भारी था और रामु उसे उठा नहीं पाया।

रामु ने तय किया कि वह दुकान पर जाकर यह पत्थर बेच देगा। जब वह दुकान पर पहुंचा, दुकानदार ने उसे देखा और पूछा, “रामु, इस पत्थर को तुम कहाँ से लाए हो? यह बहुत ही मूल्यवान है।”

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रामु ने सच बोला, “दुकानदार जी, मैंने इसे अपने खेत में पाया है। मैं इसे बेचना चाहता हूँ, क्योंकि मैं इस पत्थर के पैसे से अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर सकता हूँ।”

दुकानदार ने पत्थर की कीमत जानकर हैरानी से पूछा, “रामु, क्या तुम जानते हो कि इस पत्थर की कीमत कितनी है?”

रामु ने कहा, “नहीं, मुझे इसकी कीमत नहीं पता, लेकिन मैं इसे बेचकर अपने परिवार की मदद कर सकता हूँ।”

दुकानदार ने रामु की ईमानदारी को देखकर उसे पत्थर का पूरा मूल्य दिया और कहा, “रामु, तुम्हारी ईमानदारी के लिए मैं तुम्हारा साथी हूँ। तुमने सच बोला और तुम्हारी ईमानदारी की कीमत बेहद महंगी है।”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा सच और ईमानदारी से काम करना चाहिए। सच्चाई और ईमानदारी की कीमत हमें अच्छे कर्मों के साथ अच्छे लोग बनने में मदद करती है।

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