चतुर लड़के ने लालची आदमी को ऐसे सबक सिखाया | Clever Boy Story in Hindi

एक बार एक गांव में एक बहुत ही लालची आदमी रहता था जो उस गांव के राजा के लिए कर वसूली किया करता था। यह आदमी अपनी मन मर्जी से कर वसूली करता था और गांव के लोगों को परेशान करता था।

साथ ही पास के गांव में एक विशाल नाम का बहुत बुद्धिमान लड़का रहता था और विशाल को जब पता चला कि गांव के अंदर कर वसूली के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है।

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तब विशाल ने कर वसूली करने वाले आदमी की सच्चाई राजा के सामने लाने के लिए एक तरकीब लगाई।

विशाल एक फूल लेकर कर वसूली करने वाले आदमी के पास गया और बोला मैं इस गांव में रहने के लिए आया हूं लेकिन मेरे पास कर देने के लिए कुछ नहीं है।

आदमी बोलता है कि तुम्हें गांव में रहने के लिए कुछ ना कुछ तो कर के रूप में देना पड़ेगा। तब विशाल कहता है कि मेरे पास यह सिर्फ एक जादुई फूल है।

यदि इस फूल के 1 पत्ते को खा ले तो वह व्यक्ति अदृश्य हो जाएगा।

तब कर लेने वाला आदमी कहता है कि अच्छा ठीक है तो तुम यह फूल मुझे दे दो।

तभी राजा अपने सोने के रथ जिसमें हीरे मोती जड़े हुए हैं उस पर बैठकर गांव में आता है तभी कर लेने वाला आदमी उस फूल के पत्ते को खाकर यह समझता है कि वह अदृश्य हो गए हैं उसे कोई नहीं देख रहे हैं।

तो वह राजा के रथ पर लगे हीरे जवाहरात को चुराने लगता है यही सोच कर के कि उसे कोई नहीं देख रहा होगा।

लेकिन विशाल ने उस आदमी को मूर्ख बनाया ताकि उसे राजा के सामने रंगे हाथों पकड़ा सके।

तब राजा उसे कर वसूली करने के पद से हटा देते हैं।

अब राजा को एक नए कर इकट्ठा करने वाले आदमी की जरूरत थी तभी किसी ने राजा को विशाल की बुद्धिमता के बारे में बताया।

तो राजा ने तुरंत ही विशाल को अपने दरबार में बुलाया और विशाल को राजा ने कहा सुना है तुम बहुत बुद्धिमान हो तो हम तुम्हारी बुद्धिमता परखना चाहते हैं।

इसके लिए राजा ने एक ही जैसी दिखने वाली दो माला मंगवाई जिसमें से एक माला असली थी और एक माला नकली थी, दोनों माला में से विशाल को बताना है कि असली माला कौन सी है।

तब विशाल अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए राजा को कहता हैं कि महाराज आप इस कमरे की खिड़की खुलवा दीजिए। विशाल के कहने पर राजा ने खिड़की खुलवा दी।

तभी खिड़की से एक मधुमक्खी अंदर आई और एक माला पर बैठी और विशाल ने तुरंत बता दिया की कौन सी माला असली है।

यह देख कर राजा अचंभित रह गया और उसने विशाल से पूछा कि तुमने इतना जल्दी कैसे बता दिया की यह वाली माला ही असली वाली है ।

तब विशाल ने कहा कि महाराज मैंने खिड़की इसलिए खुलवाई ताकि बाहर बगीचे के फूलों पर बैठी मधुमक्खियों मै से कुछ मधुमक्खियां आकर इन मालाओं पर आकर बैठे । और तभी कुछ समय बाद खिड़की के रास्ते होते हुए एक मधुमक्खी आकर इस एक माला पर बैठी जिससे मुझे पता चल गया कि यह वाली माला ही असली फूलों से बनी हुई है।

राजा विशाल की बुद्धिमता से प्रसन्न होकर उसे नया कर वसूली करने का काम दे देता है और विशाल भी पूरी ईमानदारी के साथ पूरे गांव की कर वसूली करता है।

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