टोपीवाला और बंदर की कहानी | Topiwala aur Bandar ki Kahani in Hindi

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  • Post last modified:September 3, 2023

एक गाँव में कोई टोपीवाला रहता था । वह गाँव-गाँव जाकर टोपियाँ बेचता था। उसके पास तरह-तरह की रंग-बिरंगी टोपियाँ थीं। इन टोपियों को गठरी बाँधकर वह गाँव की गलियों में जाता और जोर जोर से आवाज लगाता- “रंग-बिरंगी टोपीवाला, लाल-गुलाबी टोपीवाला…।”

उसकी आवाज सुनकर घरों से बच्चे निकल आते और उससे अपनी मनपसंद टोपियाँ खरीदते । एक दिन वह एक गाँव से दूसरे गाँव जा रहा था कि उसे कुछ थकान महसूस हुई। उसने सोचा कि क्यों न पास के नीम के पेड़ के नीचे थोड़ी देर आराम कर लिया जाए। वह टोपियों से भरी गठरी सिरहाने रखकर सो गया।

topiwala aur bandar ki kahani in hindi



नीम के उस पेड़ पर बहुत से बंदर रहते थे। वे उस पेड़ के आसपास से आने-जाने वाले लोगों को तंग करते और उनका सामान छीन लेते थे। टोपियों से भरी गठरी पेड़ के नीचे देखते ही उन्हें शरारत सूझी।

सभी बंदर एक-एक कर पेड़ से उतरे और टोपियाँ ले गए। टोपीवाले की आँखें कुछ देर बाद खुलीं, तो उसने पेड़ पर देखा। सभी बंदर उसकी टोपियाँ पहनकर शोर मचाते हुए। उछल-कूद रहे थे। टोपीवाले ने बंदरों से अपनी टोपियाँ माँगी, परंतु उन्होंने टोपियाँ नहीं दी। टोपीवाला जैसे करता बंदर भी उसकी वैसे ही नकल करते। बहुत देर हो गई।

यह देख टोपीवाले को बहुत गुस्सा आया उसने सोचा, क्यों न मैं अपनी टोपी उतारकर जमीन पर फेंकूँ और उसने अपनी टोपी उतारकर जमीन पर फेंक दी। उसके ऐसा करते ही बंदरों ने भी अपनी टोपियाँ उतारकर जमीन पर फेंकना शुरू कर दिया। तब टोपीवाले ने सारी टोपियाँ झटपट इकट्ठी कर लीं और उन्हें अपनी गठरी में बाँधकर जोर से बोला, “रंग बिरंगी टोपीवाला, लाल-गुलाबी टोपीवाला “

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Vishnu

Vishnu Acharya is the Author & Founder of hindiAstar.com. He has also completed his graduation in Mechanical Engineering from RTU. He is passionate about Blogging & Technology.

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