निपाह वायरस क्या है? (Nipah Virus kya hai) Symptoms, Transmission और बचाव के उपाय
इस आर्टिकल हम nipah virus kya hai और इसके फैलने का क्या कारण है। और इससे आप कैसे बच सकते है आदिसे संबंधित जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेंगी ताकि आपको इस वायरस के बारे में सामान्य जानकारी मिल सके।
यह वायरस अभी चर्चा में इसलिए आया क्योंकि केरला में इसके होने के लक्षण मिले है जिसके चलते सभी के मन में इसके बारे में विस्तार से जानने की इच्छा के चलते आज हम आपको ऑफिशियल सोर्स के साथ इसके इतिहास से लेकर अभी यह क्यों चर्चा में है। आइए जानते है।
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nipah virus kya hai in hindi
निपाह वायरस एक खतरनाक इंफेक्शन है जो मानवों और जानवरों को प्रभावित कर सकता है। इसका पहला केस 1998 में मलेशिया में दर्ज किया गया था और इसके बाद कई बार संक्रमण के केस आए हैं। निपाह वायरस के प्रसारण और बचाव के तरीके के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
Nipah virus symptoms
निपाह वायरस के संक्रमण के कुछ मुख्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि:
- Fever – बुखार (Bukhar)
- Headache – सिरदर्द (Sirdard)
- Sore throat – गले में खराश (Gale mein Kharaash)
- Cough – खांसी (Khansi)
- Muscle aches – मांसपेशियों में दर्द (Maanspeshiyon mein Dard)
- Weakness – कमजोरी (Kamjori)
- Vomiting – उल्टी (Ulti)
- Diarrhea – दस्त (Dast)
- Convulsions (dizziness or fainting) – मस्तिष्क ज्वर (चक्कर आना या बेहोश होना) (Mastishk Jwar or Chakkar Aana ya Behosh Hona)
- Coma (deep state of unconsciousness) – कोमा (Coma)
निपाह वायरस संक्रमण का incubation अवधि आमतौर पर 4 से 14 दिन होता है, लेकिन यह 2 से 45 दिनों तक हो सकता है। निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, और इनमें शामिल हो सकते हैं:
nipah virus se bachne ke upay
निपाह वायरस एक गंभीर और जानलेवा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह मुख्य रूप से चमगादड़ों से फैलता है, लेकिन सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते और बिल्लियों जैसे अन्य जानवरों के माध्यम से भी फैल सकता है।
निपाह वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- चमगादड़ों के संपर्क से बचें।
- सूअरों, बकरियों, घोड़ों, कुत्तों और बिल्लियों के संपर्क से बचें, खासकर अगर वे बीमार दिखाई दे रहे हैं।
- संक्रमित जानवरों के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों के संपर्क से बचें, जैसे कि लार, मूत्र और मल।
- संक्रमित जानवरों का मांस, दूध या अन्य उत्पादों का सेवन न करें।
- अपने हाथों को बार-बार और अच्छी तरह से धोएं, खासकर अगर आपने किसी ऐसे जानवर या व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जो निपाह वायरस से संक्रमित हो सकता है।
- अगर आपके आसपास निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की मान्यता के तहत नियमित मेडिकल स्क्रीनिंग करवाएं.
- साफ़ पानी पीने का सुनिश्चित करें और हाथों को साबुन और पानी से धोने का अच्छा से पालन करें.
Nipah virus mode of transmission
दीपा निपाह वायरस के फैलने का मुख्य कारण यह है कि जो चमगादड़ इस वायरस से संक्रमित हैं तो ऐसा में उनके सलाइवा यूरिन मल आदि के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है। किसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति पहले से ही निपाह वायरस से संक्रमित है तो ऐसी स्थिति में यदि कोई अन्य व्यक्ति इस व्यक्ति के संपर्क में आएगा तो अन्य लोगो में भी यह वायरस फैल सकता है।
नीचे वह तरीके बताए हुए है जिससे nipah virus का transmission होता है।
बट्स से मानव-से-मानव प्रसारण (Bats to Human Transmission): निपाह वायरस का प्रमुख स्रोत चमकदार बट्स (Fruit Bats) होते हैं, और लोग जब इन बट्स के साथ संपर्क में आते हैं, तो उनके लार, मूत्र, और मल के साथ जुड़ सकते हैं, जिससे वायरस का प्रसारण हो सकता है। इन बट्स के द्वारा खाये गए फलों में भी वायरस हो सकता है, जिसके बाद लोग इन फलों को खाने के द्वारा संक्रमित हो सकते हैं।
मानव-से-मानव प्रसारण (Human-to-Human Transmission): निपाह वायरस संक्रमित व्यक्ति से उनके शारीरिक तरलताओं के साथ निकट संपर्क के माध्यम से दूसरों के पास फैल सकता है, खासकर अगर संक्रमित व्यक्ति लक्षणात्मक है। इसके तरीके में शामिल हो सकते हैं लार, मूत्र, मल, और अन्य शारीरिक तरलताएं।
अस्पतालों में प्रसारण (Nosocomial Transmission): स्वास्थ्य सेवा सेटिंग्स में, निपाह वायरस संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने से, संक्रमण अस्पतालों में भी फैल सकता है, खासतर जब अस्पताल में संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे लोग उनके साथ निकट संपर्क में आते हैं।
पशु-से-मानव प्रसारण (Animal-to-Human Transmission): निपाह वायरस के संक्रमण के कुछ मामलों में पशुओं (जैसे कि सूअरों) से मानवों को संक्रमित होने की सूचनाएँ हैं, खासकर जगहों में जहाँ मानव और पशु क़रीबी संपर्क में हैं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको यह जानकारी हो गई होगी कि nipah virus kya hai और इसके क्या-क्या लक्षण है। और इसके फैलने के क्या कारण है। ताकि इसके बचाव की एक सामान्य जानकारी आप को मिल पाएं। इसके साथ ही हमने यह भी बताया की केरल में यह वायरस क्यों और किस प्रकार से स्प्रेड हुआ और इस क्या प्रभाव देखने को मिल रहे है।
यदि आपको nipah virus की यह जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उनको भी इस वायरस के बारें में जान पाए और इससे अपना बचाव कर पाएंगे।
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